tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post1270557808951703056..comments2024-03-13T17:50:52.287+05:30Comments on क्वचिदन्यतोSपि...: आईये मिलिए पहली नायिका से .....(नायिका भेद )Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-66569672689052674092009-11-11T10:41:52.974+05:302009-11-11T10:41:52.974+05:30कुछ-कुछ अमरेन्द्र जी और वडनेरकर जी जैसा कहना चाहता...कुछ-कुछ अमरेन्द्र जी और वडनेरकर जी जैसा कहना चाहता हूँ, समझ लेवें महामहिम....Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-87994917909550408262009-11-10T01:54:22.187+05:302009-11-10T01:54:22.187+05:30नायिकाओं के इतने भेद बताने के बाद मैं कल्पना कर रह...नायिकाओं के इतने भेद बताने के बाद मैं कल्पना कर रहा हूं कि आपके आसपास का नज़ारा क्या होगा। आपकी वेशभूषा और व्यवहार पर इसका क्या असर दिखेगा। <br /><br />एक पोस्ट बनती है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-38757178019186889742009-11-08T20:42:57.525+05:302009-11-08T20:42:57.525+05:30प्रवत्स्यत्वल्लभा
“नायक (पति/प्रेमी) के आसन्न प्र...प्रवत्स्यत्वल्लभा<br /><br />“नायक (पति/प्रेमी) के आसन्न प्रवास से जिसका मन भारी हो।” <br /><br />इस टाइप का अन्वय करके विद्वान लोग ऐसे गरिष्ट शब्दों को सुगम बना दें तो ‘नेवचा जवान’ भी प्रमुदित हो लें। मेरा अन्वय शुद्ध हो ऐसा गुमान मुझे नहीं है। बस मुझे जैसा लगा उसे उदाहरण के रूप में रख दिया।<br /><br />हमें आनन्द आ रहा है। धन्यवाद।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-78381143775319889562009-11-07T17:49:59.314+05:302009-11-07T17:49:59.314+05:30आपने नायिका भेद मे रमणी का उल्लेख कर परेशानी मे डा...आपने नायिका भेद मे रमणी का उल्लेख कर परेशानी मे डाल दिया है रमणी तो नायक की निगाहो के अनुसार तय होगी कि रमणीयतापूर्ण युवती किसे माने जिसकी तरफ़ गिरिजेश जी ने इशारा कर दिया है ये हक़ीक़त तो निगाहो से बया होती है वैसे गिरिजेश की चिन्ता समाजवादियो से मिलती जुलती है जो परकटी को असली नायिका मानने से इन्कार करते है भले ही इन्ही रमणियो के सपने देखते होarun prakashhttps://www.blogger.com/profile/11575067283732765247noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-45013358124962353862009-11-07T15:35:12.950+05:302009-11-07T15:35:12.950+05:30@@अल्पना जी ,
मैं पहले ही कह चुका हूँ की नायक भेद ...@@अल्पना जी ,<br />मैं पहले ही कह चुका हूँ की नायक भेद भी कवर करूंगा <br />और हाँ ,यह थोडा मुश्किल सवाल है मेरे लिए क्योंकि मैं <br />श्रृगार शास्त्र का कोई विशिष्ट ज्ञाता नहीं हूँ -मगर हाँ एक निजी राय है की <br />इंगित स्थितियों में नायिका का वर्गीकरण भी बदल ही जाएगा ! <br />प्रश्न jhakjhor देने वाला रहा -शुक्रिया !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54684964818836779372009-11-07T12:49:02.693+05:302009-11-07T12:49:02.693+05:30सम्बंधित विषय के पिछले तीनो लेख पढ़ लिए थे--यह भी प...सम्बंधित विषय के पिछले तीनो लेख पढ़ लिए थे--यह भी पढ़ा..रोचक श्रृंखला है.<br />-नायिका के भेद तो बता रहे हैं...नायक के भेद भी बताएं..<br />-और यहाँ नायिका के 'इस स्वभाव से उसका भेद निश्चित कर रहे हैं....जबकि -स्वभाव तो समय और नायक के स्वभाव के अनुसार नायिका को बदलना भी पड़ सकता है..फिर? kya उसकी श्रेणी बदल जायेगी?Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-68850610553461331472009-11-06T21:58:31.659+05:302009-11-06T21:58:31.659+05:30कैसे कैसे 25 लोग आ धमके? जरा टिप्पणी दाताओं के समू...कैसे कैसे 25 लोग आ धमके? जरा टिप्पणी दाताओं के समूह की समीक्षा करें - सांख्यिकी और ब्लॉगरी दृष्टि से। <br />... हम तो झूठे लंठई भेस बनाय बैठे हैं। <br />______________________<br /><br />आर्जव, कार्तिकेय मिश्र और अभिषेक ओझा पर विशेष ध्यान दिया जाय। उनकी अभिरुचियों का ख्याल रखा जाय। ढेर सारे इनपुट तो यही लोग दे देंगे। तीनों पक्के शैतान हैं, तैरते हिमखंड। <br />_______________________<br /> <br />ये बताइए कि परबतिया के माई जैसियों के लिए कुछ मिला कि नहीं ? रमरतिया वगैरह भी कवर होनी चाहिए।<br />फिर नायक भेद में बाउ, सुद्धन वगैरह . . .अहा ग्राम्य जीवन !गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-80269864843368970692009-11-06T19:33:55.858+05:302009-11-06T19:33:55.858+05:30@रंजू जी ,अभी तो श्रृंखला शुरू ही हुयी है !@रंजू जी ,अभी तो श्रृंखला शुरू ही हुयी है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-54766363067970080602009-11-06T19:33:12.804+05:302009-11-06T19:33:12.804+05:30अरविन्द जी,
प्रवत्स्यत्वल्लभा !!!
बहुत ही रोचक जान...अरविन्द जी,<br />प्रवत्स्यत्वल्लभा !!!<br />बहुत ही रोचक जानकारी है....और अब हम सोच रहे हैं कि इस वक्त हमारी श्रेणी क्या हैं :-):-)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-53782413467188090462009-11-06T19:31:54.269+05:302009-11-06T19:31:54.269+05:30@आर्जव ,आपका विवरण सही है और वह अब हमारी अगली नायि...@आर्जव ,आपका विवरण सही है और वह अब हमारी अगली नायिका है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-78580053625627707062009-11-06T18:33:42.786+05:302009-11-06T18:33:42.786+05:30कुछ इसी प्रकार की नायिका को इंगित करता एक टर्म “प्...कुछ इसी प्रकार की नायिका को इंगित करता एक टर्म “प्रोषितपतिका” भी है । साकेत में उर्मिला के संदर्भ में प्रयोग हुआ है । <br />“प्रोषितपतिकायें हो जिनती भी सखि, उन्हें निमन्त्रण दे आ ,”<br />समदुःखिनी मिले तो दुख बटे जा , प्रणयपुरस्सर ले आ !अभिषेक आर्जवhttps://www.blogger.com/profile/12169006209532181466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-34368114900911610992009-11-06T16:15:59.616+05:302009-11-06T16:15:59.616+05:30बहुत रोचक श्रृखला रही यह ...बहुत कुछ जाना और समझा ...बहुत रोचक श्रृखला रही यह ...बहुत कुछ जाना और समझा ..शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-46426402559513729512009-11-06T16:09:09.056+05:302009-11-06T16:09:09.056+05:30अब आप दे डालिए पहले सारे भेदों की जानकारी, फिर हम ...अब आप दे डालिए पहले सारे भेदों की जानकारी, फिर हम जुटेंगे. आजकल कई नए भेद पैदा हो गए हैं. उनकी जानकारी केवल हमारे और श्री शिवकुमार मिश्र जैसे निठल्लुओं को है. आप वाली जानकारी पूरी हो जाएगी, तब हम अपनी वाली शुरू करेंगे.<br /><br />@ ज्ञानदत्त भैया : भ्राताश्री नायिका तो सिर के ऊपर से गुज़र जाने वाली चीज़ होती ही है, इतना भी नहीं जानते आप. बल्कि आजकल की नायिका तो सिर के ऊपर नाचने वाली चीज़ होती है. जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि आपके बाल ऐसे ही सफ़ेद हो गए. हमारे पूरे सफ़ेद नहीं हुए, तब भी हम जान गए.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-26958933701194031072009-11-06T12:15:09.412+05:302009-11-06T12:15:09.412+05:30नायिका भेद का पहला चरण रोचक ही नहीं पाठक बटोरू भी ...नायिका भेद का पहला चरण रोचक ही नहीं पाठक बटोरू भी है। इस श्रृंखला की सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।<br />वैसे ज्ञानदत्त जी कमेंट मजेदार है।<br />------------------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">परा मनोविज्ञान- यानि की अलौकिक बातों का विज्ञान।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">ओबामा जी, 75 अरब डालर नहीं, सिर्फ 70 डॉलर में लादेन से निपटिए।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-69789940814668491312009-11-06T11:52:53.023+05:302009-11-06T11:52:53.023+05:30हम भी जानकारी प्रात कर रहे हैं.
रामराम.हम भी जानकारी प्रात कर रहे हैं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-75378019704687078302009-11-06T11:35:31.001+05:302009-11-06T11:35:31.001+05:30bahut hi adbhut jankari mili.......shukriya.bahut hi adbhut jankari mili.......shukriya.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-48902923886107764432009-11-06T08:26:00.935+05:302009-11-06T08:26:00.935+05:30रोचक विषय !!रोचक विषय !!विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-17198553175756230532009-11-06T07:56:29.904+05:302009-11-06T07:56:29.904+05:30मिल लिये भाई..क्या सटीक दिया है कि ज्ञान जी ज्ञान ...मिल लिये भाई..क्या सटीक दिया है कि ज्ञान जी ज्ञान प्राप्त कर गये...हा हा!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-80310856781071032572009-11-06T06:41:04.096+05:302009-11-06T06:41:04.096+05:30नायिका भेद !!
ये विस्तृत चर्चा रहेगी
- लावण्यानायिका भेद !! <br />ये विस्तृत चर्चा रहेगी<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-2250824019741151452009-11-06T05:00:51.233+05:302009-11-06T05:00:51.233+05:30प्रवत्स्यत्वल्लभा....रोचक जानकारी प्राप्त हुई ...!...प्रवत्स्यत्वल्लभा....रोचक जानकारी प्राप्त हुई ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-2852664833643372812009-11-06T04:04:29.860+05:302009-11-06T04:04:29.860+05:30@सी एम् जी ,
एक बात गौर करियेगा नायिका का प्रेम स...@सी एम् जी ,<br />एक बात गौर करियेगा नायिका का प्रेम सदैव निह्छल ,सात्विक होता है <br />मगर खलनायिका का ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-81911399660985346032009-11-06T04:02:08.893+05:302009-11-06T04:02:08.893+05:30@मुक्ति जी,आप सही कह रही हैं पुराणों(विशेषतः अग्न...@मुक्ति जी,आप सही कह रही हैं पुराणों(विशेषतः अग्निपुराण) शास्त्रों में नायिका के इतने भेद प्रभेद दिए गएँ हैं की दिमाग चकराने लगता है -एक कारण यह भी है इस श्रृंखला के वजूद में आने के . क्या आप नायिकाओं के कठिन संस्कृत नामो का कोई सरल हिन्दी रुप्यान्तरण कर सकती /सुझा सकती हैं ? विधा समृद्ध होगी !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-53486209339545978682009-11-05T23:57:40.126+05:302009-11-05T23:57:40.126+05:30यह अनुमान न था कि नायिका भी सिर के ऊपर से गुजरजाने...यह अनुमान न था कि नायिका भी सिर के ऊपर से गुजरजाने वाली चीज होती है! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-53868442199130221432009-11-05T23:43:39.668+05:302009-11-05T23:43:39.668+05:30अच्छा ज्ञान दे रहे हैं
पीढी कृतार्थ हो जायेगी
...अच्छा ज्ञान दे रहे हैं<br /> <br />पीढी कृतार्थ हो जायेगी <br /><br /> ग्यानारविन्दम् नमो नमः ...Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8597911904720918143.post-22838362156527198352009-11-05T23:33:52.557+05:302009-11-05T23:33:52.557+05:30आचार्य भरतमुनि ने नायिकाओं के तीन प्रकृतियाँ तथा आ...आचार्य भरतमुनि ने नायिकाओं के तीन प्रकृतियाँ तथा आठ प्रभेद बताये हैं तथा दशरूपककार ने बारह भेद बताये हैं. उनमें से प्रस्तुत नायिका से मिलती-जुलती कोई नायिका नहीं है. मेरे विचार से नायिका-भेद का उद्गम भले ही आचार्य भरत का नाट्यशास्त्र हो परन्तु हिन्दी साहित्य (अवधी,ब्रज आदि सहित) इस विषय में अधिक समृद्ध है. मैंने संस्कृत में नायिका-भेद पढ़ा है. आपकी लेखमाला के माध्यम से हिन्दी साहित्य के नायिका-भेद के विषय में पता चलेगा. धन्यवाद.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.com