आज मुझे ही नही वाराणसी संसदीय क्षेत्र के तमाम मतदातातों को उनके मोबाईल फोन पर यह एस एम् एस मिला -
एक बात पते की -
सेवा-श्रवण से
मित्रता -किशन से
मर्यादा -राम से
तपस्या -महावीर से
दान -कर्ण से
लक्ष्य -एकलव्य से
अहिंसा -बुद्ध से
बनारस का विकास -फलां प्रत्याशी से !
अब आप अगर भारतीय पुराकथाओं की जानकारी या रूचि नहीं रखते तो यह विवरण आपके किसी काम का नहीं ! मगर यदि आपकी इस विषय की जानकारी पुख्ता है तो फिर इसे पढ़ कर आपको जरूर आनंद आया होगा ! क्या आप इस फेहरिस्त में कुछ और भी जोड़ सकते हैं !
बनारस तो विद्वानों का शहर है अब भला कहीं और से कहाँ ऐसे चुनावी नारों की उम्मीद की जा सकती है .नारे मजेदार भीं है और नए भी .
जवाब देंहटाएंइन में से संभव कुछ भी नहीं। कुछ भविष्य के लिए भी तो होना चाहिए।
जवाब देंहटाएंसही तो कहते हैं सेवा श्रवण (सुनने मात्र) से। सेवा के लिये इन महानुभाव को कुछ करना थोड़े ही है! बस सुनना है!
जवाब देंहटाएंसावधान = जयचंद से
जवाब देंहटाएंमजा आया...बस इतना ही बहुत है....!!
जवाब देंहटाएं"सत्यप्रियता राजा हरिस्चन्द्र से "
जवाब देंहटाएंऔर
"सावधानी आज के कपटी नेताओँ से"
: भी जोड लेँ :)
यह मैसेज आज ही मिला न ! खयाल करिये आज पहली अप्रैल है ।
जवाब देंहटाएंतुनकमिज़ाजी ममता से,
जवाब देंहटाएंमौकापरस्ती माया से,
बदतमिजी उमा से,
दल-बदल अजीत से,
खरीद-फ़रोख्त कांग्रेस से,
बिकना-बिकवाना सोरेन से,
सवाल उठाना प्रदीप से,
रिशव्त लेना दीलिप सिंह से,
अंट-शंट बकना राज से,
लंद-फ़ंद करना अमर से,
और बहुत लम्बी लिस्ट है भैया।
पसंद आई बात...
जवाब देंहटाएंवाह, चुनाव प्रचार का साहित्यिक हाईटेक अंदाज!
जवाब देंहटाएंएक बात पते की -
जवाब देंहटाएंसेवा-श्रवण से
मित्रता -किशन से
मर्यादा -राम से
तपस्या -महावीर से
दान -कर्ण से
लक्ष्य -एकलव्य से
अहिंसा -बुद्ध से
बनारस का विकास -फलां प्रत्याशी से
" क्या अंदाज है ..."
Regards
ब्लॉगिंग ज्ञान जी से..
जवाब देंहटाएंटिप्पणिया समीर जी से..
मौज अनूप जी से..
पहेलिया ताऊ जी से
पर्यवेक्षण अरिविंद जी से
पिटाई लवली जी से :)
लतियलता = ब्लागरी से.
जवाब देंहटाएंइस पर भी ्विचार किया जा सकता है?
रामराम.
भाई, इन ब्लागर बन्धुओं से भी तो कुछ सीख लें.
जवाब देंहटाएंअब तो उत्तर प्रदेश मे राजनिती से कोइ विकाश होना असम्भव लगता है चाहे किसी भी हस्ती कि दुहाई दे
जवाब देंहटाएंरोचक एसएमएस है, आजकल एसएमएस का इसी तरह से दुरूपयोग हो रहा है।
जवाब देंहटाएं-----------
तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
भ्रष्टाचार : कॉंग्रेस से
जवाब देंहटाएंख़रीद-फ़रोख़्त : तीसरे मोर्चे से
अवसरवाद : क्षेत्रीय दलों से
पलटीमार : बसपा से
धर्म तो क्या, भगवान तक की दुकानदारी : भाजपा से
कह कलकत्ता कर मुंबई : वाममोर्चे से
चुनाव के दौर में यह सूची बड़ी लम्बी हो जाएगी. कहाँ तक गिनाऊँ!
Bahut acha laga padhakar...
जवाब देंहटाएंरोचक है!
जवाब देंहटाएंमैंने तो देखा ही नही था ...आजकल मेरे चर्चे कहाँ कहाँ हो रहे हैं :-)
जवाब देंहटाएं@कुश आप ठीक कहते हैं पर्यवेक्षण में पिटाई का खतरा तो निहित है ही -मगर इस पिटाई में भी एक आनंद है ! बोलो है ना !
जवाब देंहटाएं@लवली ,चर्चा तो उन्ही की होती है जो उसके काबिल होते हैं ! कुश तो निमित्त मात्र हैं !
उत्तम। इष्टदेव सांकृत्यायन जी का योगदान भी गौर करने लायक है :)
जवाब देंहटाएंएस एम् एस में अंतिम पंक्ति 'बनारस का विकास -फलां प्रत्याशी से' छोड़ कर बाकी सब सच है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रहा यह ..:)
जवाब देंहटाएंएस एम एस तो एस एम एस, टिप्पणियाँ भी सुभान अल्लाह!!
जवाब देंहटाएंआप का ब्लाग बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंमैं अपने तीनों ब्लाग पर हर रविवार को
ग़ज़ल,गीत डालता हूँ,जरूर देखें।मुझे पूरा यकीन
है कि आप को ये पसंद आयेंगे।